अब ना अवध में रहूंगी संग वन को चलूंगी
अब ना अवध में रहूंगी,
संग वन को चलूंगी,
जो मेरे राम जी,
घोड़े पर चलेंगे,
तो मैं पैदल चलूंगी,
संग बन को चलूंगी।
जो मेरे राम जी,
गंगाजल पिएंगे,
तो मैं प्यासी रहूंगी,
संग बंको चलूंगी,
अब ना अवध में रहूंगी,
संग वन को चलूंगी।
जो मेरे राम जी,
फल खाएंगे,
तो मैं भूखी रहूंगी,
संग बन को चलूंगी,
अब ना अवध में रहूंगी,
संग वन को चलूंगी।
जो मेरे रामजी,
आसन पर सोएंगे,
मैं धरती पर सोऊंगी,
संग बन को चलूंगी,
अब ना अवध में रहूंगी,
संग वन को चलूंगी।
जो मेरे राम जी स्नान करेंगे,
मैं पूजा का थाल सजाऊंगी,
सग बन को चलूंगी,
अब ना अवध में रहूंगी,
संग वन को चलूंगी।
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