मेरे भोले बाबा विनती सुनो लिरिक्स Mere Bhole Baba Vinati Lyrics
मेरे भोले बाबा विनती सुनो लिरिक्स Mere Bhole Baba Vinati Lyrics
मेरे भोले बाबा विनती सुनो,मैं द्वार तुम्हारे आया हूँ,
मेरे भोले बाबा अर्ज़ी सुनो,
मैं द्वार तुम्हारे आया हूँ।
बाबा तुम तो बड़े दयालु हो,
बाबा तुम तो कृपालु हो,
बाबा तुम तो कृपालु हो,
थोड़ी कृपा मुझ पर बरसा दो,
मैं आस लगा कर आया हूं,
मेरे भोले बाबा अर्ज़ी सुनो।
सर्पो की माला पहनते हो,
भूतो के संग में रहते हो,
भूतो के संग में रहते हो,
बाबा देवो के देव महादेव,
मैं शीश झुकाने आया हूं,
मेरे भोले बाबा अर्ज़ी सुनो।
तुम्हे घोट के भंगिया पिलाते है,
तुम्हे भांग धतूरा चढ़ाते है,
तुम्हे अपने दिल में बसा करके,
बाबा तुम्हे मनाने आया हूं,
मेरे भोले बाबा अर्ज़ी सुनो।
Mere Bhole Baba Vinti Suno | Shiv Bhajan | मेरे भोले बाबा विनती सुनो | Bholenath Bhajan "JMD
शिव को भोले शंकर और भोले बाबा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे सरल, भोले और दयालु हैं। वे किसी भी प्रकार की चालाकी या छल-कपट में रुचि नहीं रखते हैं। वे अपने भक्तों के प्रति बहुत ही दयालु और कृपालु हैं। वे हमेशा अपने भक्तों की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
शिव को भोले शंकर कहने के पीछे एक कहानी भी है। एक बार, एक राक्षस ने शिव से वरदान मांगा कि वह अजेय हो जाए। शिव ने बिना किसी सोच-विचार के उसे वरदान दे दिया। बाद में, जब उस राक्षस ने शिव की पत्नी पार्वती को परेशान करना शुरू कर दिया, तो शिव को बहुत क्रोध आया। उन्होंने अपने त्रिशूल से उस राक्षस का वध कर दिया। इस घटना से यह पता चलता है कि शिव बहुत ही भोले और सरल हैं। वे किसी के भी भले के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, भले ही वह उनके दुश्मन ही क्यों न हो।
शिव को भोले बाबा कहने के पीछे एक और कारण यह है कि वे श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है। इसलिए, शिव को भोले बाबा कहकर उनका यह गुण भी बताया जाता है कि वे मृत्यु के भय से मुक्त हैं। शिव को भोले शंकर और भोले बाबा कहकर उनकी सरलता, दयालुता और मृत्यु के भय से मुक्ति का गुण बताया जाता है।
शिव को भोले शंकर कहने के पीछे एक कहानी भी है। एक बार, एक राक्षस ने शिव से वरदान मांगा कि वह अजेय हो जाए। शिव ने बिना किसी सोच-विचार के उसे वरदान दे दिया। बाद में, जब उस राक्षस ने शिव की पत्नी पार्वती को परेशान करना शुरू कर दिया, तो शिव को बहुत क्रोध आया। उन्होंने अपने त्रिशूल से उस राक्षस का वध कर दिया। इस घटना से यह पता चलता है कि शिव बहुत ही भोले और सरल हैं। वे किसी के भी भले के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, भले ही वह उनके दुश्मन ही क्यों न हो।
शिव को भोले बाबा कहने के पीछे एक और कारण यह है कि वे श्मशान में रहते हैं। श्मशान को मृत्यु का स्थान माना जाता है। इसलिए, शिव को भोले बाबा कहकर उनका यह गुण भी बताया जाता है कि वे मृत्यु के भय से मुक्त हैं। शिव को भोले शंकर और भोले बाबा कहकर उनकी सरलता, दयालुता और मृत्यु के भय से मुक्ति का गुण बताया जाता है।