तेरा प्यार नचांदा है श्यामा लिरिक्स Tera Pyar Nachanda Lyrics
Saroj Jangir
तेरा प्यार नचांदा है श्यामा लिरिक्स Tera Pyar Nachanda Lyrics
तेरा प्यार नचांदा है श्यामा, तेरा प्यार नचांदा है श्यामा, मैं नचना ना चांदी, तेरा इश्क़ नचांदा है श्यामा, मैं नचना ना चांदी।
जेड़ी डोर श्याम कोल, होवे ओ कदे ना डोले, तेरे अगे कादा पर्दा, भेद दिला दे खोले, बड़े हंजू डिगदे ने, श्यामा मैं दसना नहीं चाहंदी, तेरा प्यार नचांदा है श्यामा।
प्यार तेरे विच मीरा, नच्ची नच नच तैनू मनाया, प्यार तेरे दी ऐसी, मस्ती साबनु मस्त बनाया, मेरे ते दुख ता डाडे, ने श्यामा मैं दसना नहीं चाहंदी, तेरा प्यार नचांदा है श्यामा।
जिस तन लगे सो तन, जाने होर ना जाने कोई, मेरया श्यामा तेरे बाजो, होर ना मेरा कोई, कई बड़े लोग सतान, दे ने श्यामा, मैं दसना नहीं चाहंदी, तेरा प्यार नचांदा है श्यामा।
कृष्ण और गोपियों का प्रेम हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रसिद्ध प्रेम कहानी है। कृष्ण जी, जिनका जन्म भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में हुआ था, बचपन से ही गोकुल में गोपियों के साथ खेला करते थे। कृष्ण जी की मुरली की धुन सुनकर गोपियां मोहित हो जाती थीं और वे कृष्ण जी के साथ रास लीला में भाग लेती थीं। कृष्ण जी और गोपियों के प्रेम को कई तरह से व्याख्यायित किया जाता है। कुछ लोग इसे एक शारीरिक प्रेम के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे एक आध्यात्मिक प्रेम के रूप में देखते हैं। शारीरिक प्रेम के रूप में, कृष्ण जी और गोपियों का प्रेम एक युवक और युवतियों के बीच का प्रेम है। आध्यात्मिक प्रेम के रूप में, कृष्ण जी और गोपियों का प्रेम एक भक्त और भगवान के बीच का प्रेम है। कृष्ण जी और गोपियों के प्रेम को कई भजनों और गीतों में भी वर्णित किया गया है। इन भजनों और गीतों से कृष्ण जी और गोपियों के प्रेम की मधुरता और रोमांच का पता चलता है।