आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में
जन्माष्टमी का त्योहार भारत और अन्य हिंदू बहुल देशों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान कृष्ण की मूर्तियों का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाता है। मंदिरों में भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है। घरों में भी जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, और कृष्ण की मूर्तियों या चित्रों की स्थापना करते हैं। इस दिन, लोग मिठाइयाँ और अन्य व्यंजन बनाते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं।
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
जान गए सब हुआ यशोदा के ललना,
झूल रहा नन्द जी के अंगना में पलना,
ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,
ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
भोला भाला मुखड़ा है तीखी तीखी आँखे,
घुंघराले बाल काले मनमोहन आँखे,
जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,
जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
देवता भी आए सारी देवियां भी आई हैं,
नन्द और यशोदा को दे रही बधाई हैं,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
सारे बृजवासी दौड़े दौड़े चले आ रहे,
झूमे नांचे गाये सारे खुशियां मना रहे,
बिन्नू खुशियों के फूल खिले कण कण में,
बिन्नू खुशियों के फूल खिले कण कण में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
जान गए सब हुआ यशोदा के ललना,
झूल रहा नन्द जी के अंगना में पलना,
ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,
ढम ढम ढोल बाजे गूंजे है गगन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
भोला भाला मुखड़ा है तीखी तीखी आँखे,
घुंघराले बाल काले मनमोहन आँखे,
जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,
जादू सा समाया कोई बांकी चितवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
देवता भी आए सारी देवियां भी आई हैं,
नन्द और यशोदा को दे रही बधाई हैं,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
बात है जरूर कोई सांवरे ललन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
सारे बृजवासी दौड़े दौड़े चले आ रहे,
झूमे नांचे गाये सारे खुशियां मना रहे,
बिन्नू खुशियों के फूल खिले कण कण में,
बिन्नू खुशियों के फूल खिले कण कण में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।।
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में।
Kanhaiya भी नाच उठेंगे इस Bhajan को सुनकर || Latest Janmashtami Bhajan 2018 || Saurabh-Madhukar
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |