आया माँ का संदेशा आज चलो माँ
आया माँ का संदेशा आज चलो माँ के भवन को भक्तों
(मुखड़ा)
आया माँ का संदेशा आज,
चलो माँ के भवन को भक्तों,
चलो माँ के भवन को भक्तों।
(अंतरा)
मैया ने भेजी पाती,
माँ भवन पे हमें बुलाती,
मेरी किस्मत जग गई आज।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(अंतरा)
पूजा की थाल सजा के,
मैं तो चुनरी लाल बना के,
कर लूँ मैया का शृंगार।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(अंतरा)
ऐ पवन जरा रुक जाना,
संदेश ये माँ को देना,
झोली सबकी भरना आज।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(पुनरावृति)
आया माँ का संदेशा आज,
चलो माँ के भवन को भक्तों,
चलो माँ के भवन को भक्तों।
आया माँ का संदेशा आज,
चलो माँ के भवन को भक्तों,
चलो माँ के भवन को भक्तों।
(अंतरा)
मैया ने भेजी पाती,
माँ भवन पे हमें बुलाती,
मेरी किस्मत जग गई आज।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(अंतरा)
पूजा की थाल सजा के,
मैं तो चुनरी लाल बना के,
कर लूँ मैया का शृंगार।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(अंतरा)
ऐ पवन जरा रुक जाना,
संदेश ये माँ को देना,
झोली सबकी भरना आज।
चलो माँ के भवन को भक्तों,
आया माँ का संदेशा आज।
(पुनरावृति)
आया माँ का संदेशा आज,
चलो माँ के भवन को भक्तों,
चलो माँ के भवन को भक्तों।
माँ का संदेश भक्तों को अपने भवन बुलाता है। मैया की भक्ति से किस्मत जागती और झोली भरती है। यह भजन माँ के शृंगार और आशीर्वाद का गान है।
नवरात्री में माँ शेरावाली के भवन से भक्तों को बुलावा :आया माँ का संदेशा आज चलो माँ के भवन को भक्तों