अब कभी मुझसे रूठे नहीं, ऐसी किस्मत सजा दीजिए, हे महाकाल राजा मुझे अपने, दर पे बुला लीजिए।
रंग लाती नहीं इसलिए भोले, बाबा ये अर्जी मेरी, कैसे आऊं नगरिया तेरी, होगी जब तक ना मर्जी तेरी, शीश आकर झुकाऊं तुम्हें, ऐसे योग लगा दीजिए, हे महाकाल राजा मुझे, अपने दर पे बुला लीजिए।
देख पाए ना मेरे सिवा, मेरे शंभू जमाना तुझे, अपनी नगरी घुमाना मुझे, अपनी बातें बताना मुझे, भक्तों के साथ शंभू मेरे, वक्त थोड़ा बिता लीजिए, हे महाकाल राजा मुझे अपने, दर पर बुला लीजिए।
हम पे नजरे करम कीजिए, भूलके मेरी नादानियां, वक्त मेरा सुधर जाएगा, जो करोगे मेहरबानियां, भोले भाले से मेरे प्रभु, अब तो मेरा भला कीजिए, हे महाकाल राजा मुझे अपने, दर पर बुला लीजिए।
दर पे बुला लीजिए | Dar Pe Bula Lijiye | Mahakal New Bhajan | Sanjay Singh Chouhan