भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया

भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया

भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया,
प्यासे पिया को,
लेने चली पनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया।

चलते चलते मन गौरा का,
यहाँ वहाँ था डोला रे,
शिव शंकर से मन ही मन में,
उसने था ये बोला रे,
अपनी बना ले,
मुझे जोगनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया।

बात ना मानी मेरी तो,
में धुनि यही रमाऊँगी,
बैठ हिमालय पर्वत पे में,
सदा तेरी हो जाउंगी,
अपने बाबुल को,
छोड़ आयी गलिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया।

सांझ सवेरे शिव चरणों में,
में तो फूल चढ़ाउंगी,
उनके बागों की,
बनु मालनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया।

ॐ नाम शिव जाप करुँगी,
जय जयकार मनाऊंगी,
चरण पखारूँगी भोले के,
पल पल दर्शन पाऊँगी,
मन में बसी है,
शिव की मूरतिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा,
बनी रे जोगनिया।
 



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