दुनिया की भीड़ में क्यो खो रहा
दुनिया की भीड़ में क्यो खो रहा
दुनिया की भीड़ में,क्यो खो रहा,
मिलेगा कुछ भी न फल,
जो बो रहा।
दुनिया की भीड़ में,
क्यो खो रहा,
मिलेगा कुछ भी न फल,
जो बो रहा।
तू आजा घर लौट आ,
आ बेटे घर लौट आ।
मैं ढूँढू उस भेड़ को,
जो खो गयी,
गुनाहो की जेल में,
बंद हो गयी।
तू आजा घर लौट आ,
आ बेटे घर लौट आ।
दुनिया की भीड़ में,
क्यो खो रहा,
मिलेगा कुछ भी न फल,
जो बो रहा।
गुनाहों में था अब तलक,
तु जो धसा,
मकडी के जाल में,
था जो फसा।
तू आजा घर लौट आ,
आ बेटे घर लौट आ।
दुनिया की भीड़ में,
क्यो खो रहा,
मिलेगा कुछ भी न फल,
जो बो रहा।
तू आँखे अब खोल कर,
सब जाँच ले,
तू सच और झूठ को,
अब माप ले।
तु आजा घर लौट आ,
आ बेटे घर लौट आ।
दुनिया की भीड़ में,
क्यों खो रहा,
मिलेगा कुछ भी न फल,
जो बो रहा।
तु आजा घर लौट आ,
तु आजा घर लौट आ।
Duniya ki bheed me lyrics(Christian song)Cover
यह भजन एक खोई हुई आत्मा को उसके खोए हुए घर में लौटने के लिए प्रोत्साहित करता है। भजनकार उस आत्मा को चेतावनी देता है कि दुनिया की भीड़ में खोना व्यर्थ है, क्योंकि दुनिया में जो कुछ भी बोया जाता है, वही फल मिलता है।