आये है गौरी गणेश आज मोरे अंगना में लिरिक्स Aaye Hain Gouri Ganesh Lyrics
आये है गौरी गणेश आज मोरे अंगना में लिरिक्स Aaye Hain Gouri Ganesh Lyrics
आये है गौरी गणेश,आज मोरे अंगना में,
गूंजे जयकारे बाजे ढोल,
आज मोरे अंगना में।
हरे हरे मंडप तले,
चौंक पुराऊ,
बीच में गौरी गणेश को,
बिठाऊ,
होगा सकल शुभ काज,
आज मोरे अंगना में,
आये है गौरी गणेश।
गौरी को चुनरी,
गणेश को पीताम्बर,
फूलों का हार,
पहनाऊ अतिसुंदर,
माथे चढ़ाऊ सिन्दूर लाल,
आज मोरे अंगना में,
आये है गौरी गणेश।
अक्षत चंदन धुप और बाती,
चौमुख ज्योत जलाऊ,
दिन राति,
भोग लगाऊं भर थाल,
आज मोरे अंगना में,
आये है गौरी गणेश।
गौरी मैया देगी सुख सौभाग्य,
गणपति देंगे शुभ और लाभ,
विघ्नो का होगा विनाश,
आज मोरे अंगना में,
आये है गौरी गणेश।
SSDN:-आये है गौरी गणेश, आज मोरे अंगना में | Ganesh chaturthi bhajan | Ganesh Vandana | Ganesh bhajan
यह भजन गौरी और गणेश की पूजा के लिए गाया जाता है। इस भजन में, भक्त गौरी और गणेश के आने की खुशी मनाता है। वह उनके आने से अपने घर में सुख और समृद्धि आने की उम्मीद करता है।
भजन के पहले दो चरणों में, भक्त कहता है कि गौरी और गणेश उसके घर आए हैं। वह खुशी से जयकारे लगा रहा है।
तीसरे चरण में, भक्त अपने घर में गौरी और गणेश की मूर्तियों को स्थापित करता है। वह उन्हें फूलों के हार पहनाता है और उनके माथे पर सिंदूर लगाता है।
चौथे चरण में, भक्त गौरी और गणेश को अक्षत, चंदन, धूप और बाती से पूजता है। वह उनके सामने चौमुखी ज्योत जलाता है।
पांचवें चरण में, भक्त गौरी और गणेश से प्रार्थना करता है कि वे उसे सुख, सौभाग्य, शुभ और लाभ दें। वह चाहता है कि गौरी और गणेश उसके सभी विघ्नों को दूर करें।
भजन का अर्थ
यह भजन भक्ति की एक सरल और सीधी अभिव्यक्ति है। भक्त गौरी और गणेश के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। वह गौरी और गणेश को अपना आराध्य मानता है और उनकी पूजा करता है। भक्त की आशा है कि गौरी और गणेश उसे आशीर्वाद देंगे और उसे सुखी और समृद्ध जीवन जीने में मदद करेंगे।
भजन के पहले दो चरणों में, भक्त कहता है कि गौरी और गणेश उसके घर आए हैं। वह खुशी से जयकारे लगा रहा है।
तीसरे चरण में, भक्त अपने घर में गौरी और गणेश की मूर्तियों को स्थापित करता है। वह उन्हें फूलों के हार पहनाता है और उनके माथे पर सिंदूर लगाता है।
चौथे चरण में, भक्त गौरी और गणेश को अक्षत, चंदन, धूप और बाती से पूजता है। वह उनके सामने चौमुखी ज्योत जलाता है।
पांचवें चरण में, भक्त गौरी और गणेश से प्रार्थना करता है कि वे उसे सुख, सौभाग्य, शुभ और लाभ दें। वह चाहता है कि गौरी और गणेश उसके सभी विघ्नों को दूर करें।
भजन का अर्थ
यह भजन भक्ति की एक सरल और सीधी अभिव्यक्ति है। भक्त गौरी और गणेश के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। वह गौरी और गणेश को अपना आराध्य मानता है और उनकी पूजा करता है। भक्त की आशा है कि गौरी और गणेश उसे आशीर्वाद देंगे और उसे सुखी और समृद्ध जीवन जीने में मदद करेंगे।