दुनिया मतलब की देखी सांवरिया

दुनिया मतलब की देखी सांवरिया

दुनिया मतलब की देखी सांवरिया,
अब मोह खबर पड़ी दुनिया मतलब की।

जब तक घर में काम किया मैंने,
तब तक मेरी कदर रही,
अब तो धंधों करो ना जावे,
राड़ ही राड़ मची,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

मैंने बनाए महल दुमहला,
कौने में मेरी खाट पड़ी,
पोता पोती डांटन लागे,
थुके पड़ी पड़ी,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

यम के दूत मुझे लेने आए,
मारे मेरे भाला छुरी,
बेटा पोते पूछन लागे,
माया कहां पड़ी,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

थूक लगाकर बहुएं रोमें,
मर गई सासु भली करी,
मन में उनके मिश्री घुल गई,
घर की राड़ टली,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

जब तक बैल चले गाड़ी में,
तब तक उसकी कदर रही,
अब तो बैल से चला ना जावे,
लट्ठ ही लट्ठ पड़ी,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

जब तक गैया दूध देत हैं,
तब तक उसकी कदर रही,
मोल करे पीछे यूं कहवे,
ले जा हाल घड़ी,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।

कहत कबीर सुनो भाई साधु,
गुरु चरणों में ध्यान धरी,
इतने दिन तो खबर नहीं थी,
अब मोहे खबर पड़ी,
दुनिया मतलब की देखी सांवरिया।
 


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