फागुन का महीना, मेरे रुकते नहीं है पांव, चला रे चला रे मैं चला रे, अपने सांवरिया के गांव।
श्रद्धा से जाऊंगा मैं, करु ना दिखावा, आया देखो आया, मेरे बाबा का बुलावा, खाटू की वो गलियां, पीपल की ठंडी छांव, फागुन का महीना, मेरे रुकते नहीं है पांव, चला रे चला रे मैं चला रे, अपने सांवरिया के गांव।
रह रह के दिल मेरा, श्याम श्याम बोले, नैया भी खाने लगी, अब हिचकोले, आन संभालो बाबा, हेै टूटी फूटी नाव, फागुन का महीना, मेरे रुकते नहीं है पांव, चला रे चला रे मैं चला रे, अपने सांवरिया के गांव।
आंखों के आंसुओं से, चरण धूलाऊंगा, दिल की ये बातें अपने, श्याम को सुनाऊंगा, सागर कहे तेरी महिमा, फैली है चारों दिशाओ, फागुन का महीना, मेरे रुकते नहीं है पांव, चला रे चला रे मैं चला रे, अपने सांवरिया के गांव।
Fagun Ka Mahina By Sagar Prince| फागुन का महीना (सागर प्रिंस)| Khatu Shyam Bhajan.