गजानंद नाव मेरी पड़ी मझधार है लिरिक्स Gajanand Naav Meri Padi Majhdhar Lyrics


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गजानंद नाव मेरी पड़ी मझधार है लिरिक्स Gajanand Naav Meri Padi Majhdhar Lyrics

गजानंद नाव मेरी,
पड़ी मझधार है,
तू ही खिवैया जग का,
तू ही पतवार है,
गजानन्द नाव मेरी,
पड़ी मझधार है।

तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता,
गजानंद पार करना,
नाव है बिच भंवर में,
मेरा उद्धार करना,
अब तो तेरे भरोसे हो,
मेरा परिवार है,
गजानन्द नाव मेरी,
पड़ी मझधार है।

मेरे ओ गणपति देवा,
करूँ अब तेरी सेवा,
भोग लड्डुअन का लगाऊं,
दूर करो कष्ट देवा,
तुझको पहले मनाता हो,
सारा संसार है,
गजानन्द नाव मेरी,
पड़ी मझधार है।

मेरे परिवार को देवा,
सदा खुशहाल रखना,
दया की दृष्टि रखना,
तू मालामाल करना,
तेरा ही ध्यान लगता हो,
सेवक हर बार है,
गजानन्द नाव मेरी,
पड़ी मझधार है।
 



मेरी नैया पड़ी है मझधार प्रभु इसे पार लगा देना बहुत ही सुंदर भजन एक बार आप लोग जरूर श्रवण करें

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