इतना सा बस मुझपर अहसान कर

इतना सा बस मुझपर अहसान कर दो माँ

इतना सा बस मुझपर,
अहसान कर दो माँ,
मंदिर के सामने मेरा,
इक मकान कर दो माँ।

सुबह सुबह जब मैया,
तेरा मंदिर द्वार खुलेगा,
सबसे पहले मन्दिर में,
ये तेरा सेवक होगा,
अपने हाथों से मंदिर का,
आंगन मैया बुहारूँ,
आंगन मैया बुहारूँ,
अपनी किस्मत को संवारुं,
अपनी कृपा देकर,
ये कल्याण कर दो मां,
मंदिर के सामने मेरा,
इक मकान कर दो माँ।

तुमने मेरी हर इक़ मुश्किल,
मैया की आसान,
मेरी मुश्किल में तुमने,
पल पल किया है ध्यान,
अब तक तुमने मुझपर,
मां किया बड़ा अहसान,
एक बात और मेरी तुम,
मैया जी लो मान,
अपने चरणों मे मेरा,
स्थान कर दो माँ,
मंदिर के सामने मेरा,
इक मकान कर दो माँ।

तुमको अर्पण कर दूंगा,
माँ अपना सारा जीवन,
जीवन भर तेरे ही नाम का,
करूंगा मैया सुमिरण,
कुछ भी नहीं माँगूँगा,
तुमसे मैया इसके बाद,
मेरे मन की पूरी कर दो,
बस इतनी सी बात,
अपनी भक्ति शर्मा के,
बस नाम कर दो माँ,
मंदिर के सामने मेरा,
इक मकान कर दो माँ।
 
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