जनक दुलारी के जानकी प्यारी के मन में बसे

जनक दुलारी के जानकी प्यारी के मन में बसे

जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।

जब से देखा है राम को,
की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।

मंदिर में जनक दुलारी,
जब गौरी पूजन आई,
सिया रानी की अखियां,
रघुनंदन से टकराई।

मंदिर में जनक दुलारी,
जब गौरी पूजन आई,
देखती रह गई रह गई,
सीता जी राम को,
की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।

पूजी जगदंब भवानी,
वर मांगा आज निराला,
मुझे वर दो है वरदानी,
मैं पहनाऊं वरमाला।

पूजी जगदंब भवानी,
वर मांगा आज निराला,
मैंने तो वर चुन लिया,
चुन लिया,
वर अपना राम को,
की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।

जब धनुष राम ने तोड़ा,
सीता मन में हर्षाई,
शादी का पहने जोड़ा,
सखियों के संग आई।

जब धनुष राम ने तोड़ा,
सीता मन में हर्षाई,
जानकी पहना रही,
पहना रही वरमाला राम को,
की जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।

जब से देखा है राम को,
जनक दुलारी के,
जानकी प्यारी के,
मन में बसे श्री राम।
 



New bhajan 2019/जनक दुलारी के मन में बसे श्री राम/Harmonium Bhajan/Letest bhajan 2019
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