जीवन की नैया तेरे हाथ
मैंने सौंपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगों से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है,
हारे का साथ,
मैंने सौपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ।
मेरे दोनों हाथ तेरे आगे,
क्या है कमी इनमें तू बतला दे,
क्या वो लकीर नहीं है,
क्या वो तकदीर नहीं है,
या हो नाराज़,
मैंने सौपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ।
इन हाथों को तेरी है दरकार,
मेरे पीछे है पूरा परिवार,
नैया मझधार फसी है,
तेरे होठो पे हँसी है,
क्यों दीनानाथ,
मैंने सौपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ।
जिसे दिया उसे खूब दिया है भोले,
मुझसे क्या इन्साफ किया है भोले,
क्या उनके हाथ है ज्यादा,
या फिर औकात है ज्यादा,
बतला दो बात,
मैंने सौपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ।
भक्तो से है क्यों मुख मोड़ लिया,
या तकदीर बदलना छोड़ दिया,
कहता पवन ना छूटे,
ये भरोसा ना टूटे,
रख लेना बात,
मैंने सौपी है,
जीवन की नैया तेरे हाथ।
मैंने सौंपी है जीवन की नैया तेरे हाथ |Maine Saumpi Hai Jeevan Ki Naiya Tere Hath |Khatu Shyam Bhajan
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