श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी हिंदू धर्म की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है। यह कहानी प्रेम, भक्ति और आत्म-साक्षात्कार का एक प्रतीक है। राधा और कृष्ण बचपन से ही एक दूसरे के साथ खेलते रहे। वे एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त और प्रेमी थे। उनके बीच का प्रेम बहुत गहरा और पवित्र था।
राधा को अक्सर कृष्ण की प्रेयसी के रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन उनका रिश्ता बहुत गहरा है। राधा को कृष्ण की आत्मा का प्रतिबिंब माना जाता है, और वे दोनों एक-दूसरे को पूर्ण करती हैं। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम आत्मा और परमात्मा के बीच के प्रेम का प्रतीक है। आत्मा परमात्मा के लिए प्रेम करती है, लेकिन उसे परमात्मा के साथ पूर्ण विवाह नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आत्मा अभी भी विकास के अधीन है। जब आत्मा पूर्ण रूप से विकसित हो जाती है, तो वह परमात्मा के साथ पूर्ण विवाह में प्रवेश करती है। भौतिक दृष्टिकोण से, श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम का कोई शारीरिक निष्कर्ष नहीं आया। ऐसा इसलिए है क्योंकि श्रीकृष्ण एक अवतार थे, और उनका उद्देश्य दुनिया को बचाना था। उन्होंने एक राजा के रूप में विवाह किया और कई रानियों को स्वीकार किया। राधा भी एक राजकुमारी थीं, और उन्होंने एक ग्वाला के रूप में श्रीकृष्ण से विवाह नहीं किया।
राधा को अक्सर कृष्ण की प्रेयसी के रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन उनका रिश्ता बहुत गहरा है। राधा को कृष्ण की आत्मा का प्रतिबिंब माना जाता है, और वे दोनों एक-दूसरे को पूर्ण करती हैं। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम आत्मा और परमात्मा के बीच के प्रेम का प्रतीक है। आत्मा परमात्मा के लिए प्रेम करती है, लेकिन उसे परमात्मा के साथ पूर्ण विवाह नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आत्मा अभी भी विकास के अधीन है। जब आत्मा पूर्ण रूप से विकसित हो जाती है, तो वह परमात्मा के साथ पूर्ण विवाह में प्रवेश करती है। भौतिक दृष्टिकोण से, श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम का कोई शारीरिक निष्कर्ष नहीं आया। ऐसा इसलिए है क्योंकि श्रीकृष्ण एक अवतार थे, और उनका उद्देश्य दुनिया को बचाना था। उन्होंने एक राजा के रूप में विवाह किया और कई रानियों को स्वीकार किया। राधा भी एक राजकुमारी थीं, और उन्होंने एक ग्वाला के रूप में श्रीकृष्ण से विवाह नहीं किया।
कहे कन्हैया सुन मेरी मैया लिरिक्स Kahe Kanhaiya Sun Lyrics : Radha Krishna Bhajan
कहे कन्हैया, सुन मेरी मैया,मान ले मेरी बात,
शादी करवा दे री,
राधा रानी के साथ।
दूल्हा बना दे, सेहरा सजा दे,
अपने कन्हैया को,
दिल से दुआ दे,
बैंड बजेगा ढोल बजेगा,
जाएगी बारात,
शादी करवा दे री,
राधा रानी के साथ।
सास बनेगी, राज करेगी,
अपनी बहू पे मैया,
नाज़ करेगी,
और ना कोई ना लाएगी,
राधा सी सौगात,
शादी करवा दे री,
राधा रानी के साथ।
मैं हूँ राधे का मैया, राधा है मेरी,
पर मुझको चहिए मैया,
सहमति तेरी,
भक्तों मिलके सगुन पठा दो,
नंद बाबा के साथ,
शादी करवा दे री,
राधा रानी के साथ।
कहे कन्हैया, सुन मेरी मैया,
मान ले मेरी बात,
शादी करवा दे री,
राधा रानी के साथ।