कल राती सुपने च होई मुलाक़ात वे लिरिक्स Kal Rati Supane Cha Hoi Lyrics
कल राती सुपने च होई मुलाक़ात वे लिरिक्स Kal Rati Supane Cha Hoi Lyrics
कल राती सुपने च,होई मुलाक़ात वे,
मेरे वस च नही जज्बात।
कुंज गली विच नचदी सी,
मेरे गले विच पाया ढोल सी,
राधा नाम मैं गा रही थी,
मेरे सतगुरु मेरे कोल सी,
कल राती सुपने च,
होई मुलाक़ात वे।
ओ तेरियां ही गल्ला करदी सी,
वे मैं करदी करदी रो पई,
सुध बुध मेनू भूल गई वे,
श्यामा याद तेरी दे विच सो गई,
कल राती सुपने च,
होई मुलाक़ात वे।
वृन्दावन मेरी झोपड़ी श्यामा,
आसे पासे संत वे,
पीला पितांबर वेखया ते,
भूल गई सारे ग्रंथ वे,
कल राती सुपने च,
होई मुलाक़ात वे।
यमुना जि ठा ठा मारदी ते,
कोले ईक कदम दा पेड़ वे,
तिरछी चितवन वेख के,
श्यामा छूटे चौरासी गेड़े वे,
कल राती सुपने,
च होई मुलाक़ात वे।
हथ तेरे दे विच बांसुरी वे श्यामा,
गल बैजंती माला वे,
मोर मुकट तो जान गई श्यामा,
ए ता दिल दिया जानन वाला वे,
कल राती सुपने च,
होई मुलाक़ात वे।
जद मुरली विच,
फुकेया वे श्यामा,
रस बुल्लिया चो डुल पया,
दोहि बुन्दा पितिया सि ते,
सुपना मेरा खुल गया वे,
कल राती सुपने च,
होई मुलाक़ात वे।