काली काली अलकों के फंदे क्यूँ डाले लिरिक्स Kali Alakon Ke Fande Lyrics

ब्रह्मवैवर्तपुराण में श्रीकृष्ण को सर्वश्रेष्ठ भगवान माना गया है। यह माना जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव भी श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं। श्रीकृष्ण के साथ सभी देवी-देवता हमेशा योग युक्त रहते हैं। सर्व देवी-देवता श्रीकृष्ण की वंदना करते हैं और योग से श्रीकृष्ण को प्रसन्न करते हैं। श्रीकृष्ण ही सर्व जगत के सृष्टिकर्ता हैं। वे सभी ब्रह्मांडों के ईश्वर हैं। श्रीकृष्ण से बड़ा कोई नहीं है। इसलिए उन्हें योगेश्वर कहा जाता है। यह मान्यता हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय है। यह लोगों को यह सिखाती है कि श्रीकृष्ण ही सर्वश्रेष्ठ भगवान हैं और उन्हें ही सर्वोच्च सम्मान दिया जाना चाहिए।

Naye Bhajano Ke Lyrics

काली काली अलकों के फंदे क्यूँ डाले लिरिक्स Kali Alakon Ke Fande Lyrics : Krishna Bhajan

काली काली अलकों के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
मेरा एक नजर तुझे देखना,
किसी बंदगी से कम नहीं,
करो मेरा शुक्रिया मेहरबा,
तुझे दिल में हमने बसा लिया,
आप इस तरह से होश,
उड़ाया ना कीजिये,
यूँ बन संवर के सामने,
आया ना कीजिए।
काली काली अलकों के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले।

सितमगर हो तुम खूब पहचानते है,
तुम्हारी अदाओ को हम जानते है,
फरेबे मोहब्बत में उलझाने वाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले।

ये रंगीले नैना तुम्ही को मुबारक,
ये मीठे मीठे बैना तुम्ही को मुबारक,
हमारी तरफ से निगाहे हटाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले।

संभालो जरा ये पीताम्बर गुलाबी,
ये करता है दिल में हमारे खराबी,
जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संभाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले।

जहाँ तुमने चेहरे से पर्दा हटाया,
वही अहले दिल को तमाशा बनाया,
बना ले बावरी को अब अपना बनाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले,
मुरली वाले मुरली वाले।

काली काली अलकों के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले
 



काली काली अलको के फंदे क्यों डाले~Surbhi Chaturvedi bhajan ! सुरभि चतुर्वेदी

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