की दम दा भरोसा यार लिरिक्स Ki Dam Da Bharosa Yar Lyrics
की दम दा भरोसा यार लिरिक्स Ki Dam Da Bharosa Yar Lyrics
की दम दा भरोसा यार,दम आवे ना आवे,
इस जीवन दे दिन चार,
दम आवे ना आवे।
मिट्टी दे खिलोनेया वे,
मिट्टी हो जावेगा,
पापा दे समुदरां च,
मोती किवें पावेगा,
अज्ज वक़्त है सोच विचार,
दम आवे ना आवे,
इस जीवन दे दिन चार,
दम आवे ना आवे।
माया दा तू कर ना गुमान,
ओए मूर्खा,
धरी रह जायेगी तेरी शान,
ओए मूर्खा,
छड इस माया नाल प्यार,
दम आवे ना आवे,
इस जीवन दे दिन चार,
दम आवे ना आवे।
जिना दे लयी ठगीया,
फरेब तू ए करदा,
देखीं तेरे नाल नईओ,
जांणा कोई घर दा,
ना कर जीवन बेकार,
दम आवे ना आवे,
इस जीवन दे दिन चार,
दम आवे ना आवे।
उस दा बुलावा जदों,
दास तेनु आवेगा,
नाम दा खजाना फिर,
काम तेरे आवेगा,
कुछ अपना आप सवार,
दम आवे ना आवे,
इस जीवन दे दिन चार,
दम आवे ना आवे।
Kee Dam Da Bharosa Yaar ........Hit Krishan Bhajan \ Album Name: Daasi Hu Teri Shyama
भक्ति एक ऐसी भावना है जो व्यक्ति को ईश्वर के प्रति प्रेम और श्रद्धा से भर देती है। यह एक ऐसी भावना है जो व्यक्ति को ईश्वर के करीब ले जाती है और उसे आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती है। कृष्ण भक्ति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण भक्ति है। कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं, जो प्रेम, दया, और शक्ति के प्रतीक हैं। कृष्ण भक्त अपने जीवन में कृष्ण को सर्वोपरि स्थान देते हैं। वे कृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण करते हैं।
कृष्ण भक्ति में पूर्ण समर्पण का अर्थ है कि भक्त कृष्ण को अपने जीवन का हर पहलू समर्पित करता है। वह कृष्ण के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को अपने शब्दों, कार्यों, और विचारों में व्यक्त करता है। कृष्ण भक्त अपने जीवन में कृष्ण के उपदेशों का पालन करते हैं। वे कृष्ण के चरित्र और गुणों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं। वे कृष्ण के आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर इंसान बनने का प्रयास करते हैं। कृष्ण भक्ति में पूर्ण समर्पण एक उच्चतम स्तर की भक्ति है। यह एक ऐसी भक्ति है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती है।
कृष्ण भक्ति में पूर्ण समर्पण का अर्थ है कि भक्त कृष्ण को अपने जीवन का हर पहलू समर्पित करता है। वह कृष्ण के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को अपने शब्दों, कार्यों, और विचारों में व्यक्त करता है। कृष्ण भक्त अपने जीवन में कृष्ण के उपदेशों का पालन करते हैं। वे कृष्ण के चरित्र और गुणों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं। वे कृष्ण के आदर्शों को अपनाकर एक बेहतर इंसान बनने का प्रयास करते हैं। कृष्ण भक्ति में पूर्ण समर्पण एक उच्चतम स्तर की भक्ति है। यह एक ऐसी भक्ति है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती है।