मैया के दर पे नजारा मिलता है भजन

जगदम्बे भवानी माँ तुम कुलदेवी मेरी भजन

(मुखड़ा)
मैया के दर पे नजारा मिलता है,
ग़म के मारों को सहारा मिलता है,
मैया ने बदली है सबकी तक़दीरें,
सबकी कश्ती को किनारा मिलता है,
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है।।

(दोहा)
जहाँ तक ये मेरी,
निगाह जा रही है,
मेरी माँ की रहमत,
नज़र आ रही है,
ना लौटा है आज तक,
कोई दर से खाली,
मुरादों से झोली,
भरी जा रही है।।

(अंतरा)
आज माँ के जागरण की रात है आई,
आज खुशियों की हमें सौगात है आई,
है बड़ी प्यारी, बड़ी न्यारी, बड़ी पावन,
माँ के दर्शन के लिए मैं भेंट हूँ लाई,
सारे भक्तों को सहारा मिलता है,
ग़म के मारों को सहारा मिलता है,
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है।।

भर दे दामन में मेरे सुख सागर के मोती,
तू ही रचना में जगा मेरे ज्ञान की ज्योति,
तेरी कला की कलियों से महके जीवन मेरा,
अमृत की वर्षा सारे ही पापों को धोती,
माँ की चौखट से नज़ारा मिलता है,
ग़म के मारों को सहारा मिलता है,
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है।।

बेसहारों को सहारा मिल ही जाएगा,
माँ की ममता का सहारा मिल ही जाएगा,
‘कमल किशोर’ जो श्रद्धा से दर पे जाएगा,
रहमत बरसेगी, कवि का दिल भी गाएगा,
सबकी किस्मत का सितारा खिलता है,
ग़म के मारों को सहारा मिलता है,
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है,
ग़म के मारों को सहारा मिलता है,
मैया ने बदली है सबकी तक़दीरें,
सबकी कश्ती को किनारा मिलता है,
मैया के दर पे नज़ारा मिलता है।।
 


मैया के दर पे नज़ारा मिलता है | Maiya Ke Dar Pe Nazara MIlta Hai | Mata Bhajan | Kamal Kishore Kavi

Song: Maiye Ke Dar Pe Nazara Milta Hai
Singer - Writer : Kamal Kishore Kavi
Music: R.B. Style
Blessing: Lakhbir Singh Lakkha JI
Video: Anil Kumar

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