जब भी नैन मूंदो जब भी नैन खोलो भजन

जब भी नैन मूंदो जब भी नैन खोलो भजन

जब भी नैन मूंदो, जब भी नैन खोलो,
राधे कृष्णा बोलो, राधे कृष्णा बोलो,
जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्ण,
जय राधे कृष्णा हरे हरे।

वृंदावन बृज की राजधानी,
यहाँ बसे ठाकुर ठकुरानी,
मधुर मिलन की साक्षी देते,
सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी,
सेवा कुञ्ज और यमुना का पानी,
पूण्य प्रेम रस में आत्मा भिगोलो,
जब भी नैन मूंदो जब भी नैन खोलो,
राधे कृष्णा बोलो राधे कृष्णा बोलो ।।

कृष्ण राधिका एक है, इनमे अंतर नाही,
राधे को आराध लो, कृष्णा तभी मिल जाये,
पृथक पृथक कभी इनको ना तोलो,
जब भी नैन मूंदो जब भी नैन खोलो,
राधे कृष्णा बोलो राधे कृष्णा बोलो ।
जब भी नैन मूंदो, जब भी नैन खोलो,
राधे कृष्णा बोलो, राधे कृष्णा बोलो
जय राधे कृष्णा, जय राधे कृष्ण,
जय राधे कृष्णा हरे हरे।
 



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