राम राम रटु राम राम जपु जीहा लिरिक्स Ram Ram Ratu Bhajan Lyrics
राम राम रटु राम राम जपु जीहा लिरिक्स Ram Ram Ratu Bhajan Lyrics
राम राम रटु राम राम रटु,राम राम जपु जीहा,
राम नाम नवनेह मेहको,
मन हठि होहि पपीहा।
सब साधन फल,
कूप सरित सर,
सागर सलिल निरासा,
राम नाम रति स्वाति सुधा,
सुभ सीकर प्रेम पियासा।
गरजि तरजि पाषान बरषि,
पबि प्रीति परखि जिय जानै,
अधिक अधिक,
अनुराग उमँग उर,
पर परमिति पहिचानै।
रामनाम गत,
रामनाम मति,
रामनाम अनुरागी,
ह्वै गये हैं जे होहिगे,
त्रिभुवन तेइ,
गनियत बड़भागी।
एक अंग मम अगम गवन कर,
बिलमु न छिन छिन छाहै,
तुलसी हित अपनो अपनी,
द्सि निरुपधि नेम निबाहै।