सजा दो घर को गुलशन सा कृष्णा जन्माष्टमी भजन लिरिक्स Saja Do Ghar Ko Lyrics

कृष्ण जन्म कथा हिंदू धर्म की एक लोकप्रिय कथा है जो भगवान कृष्ण के जन्म के बारे में बताती है। यह कथा श्रीमद्भागवत महापुराण में पाई जाती है। कथा के अनुसार, कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके पिता वासुदेव और माता देवकी थे। वासुदेव यादवों के राजा उग्रसेन के पुत्र थे। देवकी वसुदेव की पत्नी थीं।

कृष्ण के जन्म के समय, मथुरा पर अत्याचारी राजा कंस का शासन था। कंस को भविष्यवाणी मिली थी कि उसकी बहन देवकी की आठवीं संतान उसका वध करेगी। इसलिए, कंस ने देवकी और वासुदेव को जेल में डाल दिया। देवकी ने सात पुत्रों को जन्म दिया, लेकिन कंस ने सभी को मार डाला। आठवीं संतान के जन्म के समय, वासुदेव को देवकी के स्थान पर यशोदा को लेकर गोकुल जाना था। यशोदा वसुदेव की मित्र थीं। वासुदेव ने कृष्ण को यशोदा को सौंप दिया। यशोदा ने कृष्ण को बड़े प्यार से पाला-पोसा। कृष्ण गोकुल में ही पले-बढ़े।

कंस को जब पता चला कि कृष्ण गोकुल में हैं, तो वह उन्हें मारने के लिए गोकुल आया। लेकिन कृष्ण ने कंस का वध कर दिया। कृष्ण के वध से मथुरा से अत्याचार का अंत हो गया। कृष्ण ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और अधर्मियों का नाश किया। उन्होंने गोपियों के साथ रासलीला की। उन्होंने अर्जुन को महाभारत में जीत दिलाई। कृष्ण का जन्म हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण घटना है। उन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। वे हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवताओं में से एक हैं।

Naye Bhajano Ke Lyrics

सजा दो घर को गुलशन सा कृष्णा जन्माष्टमी भजन लिरिक्स Saja Do Ghar Ko Lyrics : Krishna Janmashtmi Bhajan

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

पखारो इनके चरणो को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।

सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने में,
आया है दिल को सुकून उनके करीब आने में,
मुद्दत से प्यासी अखियो को मिला आज वो सागर,
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में।

उमड़ आई मेरी आखें,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलिया,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।

तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
 



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