कृष्ण जन्म कथा लोकप्रिय कथा है जो भगवान कृष्ण के जन्म के बारे में बताती है। श्रीमद्भागवत महापुराण में इसका वर्णन प्राप्त होता है। कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ और उनके पिता वासुदेव और माता देवकी हैं. कंस को जब पता चला कि कृष्ण गोकुल में हैं, तो वह उन्हें मारने के लिए गोकुल आया। लेकिन कृष्ण ने कंस का वध कर दिया। कृष्ण के वध से मथुरा से अत्याचार का अंत हुआ।
सजा दो घर को गुलशन सा कृष्णा जन्माष्टमी भजन लिरिक्स Saja Do Ghar Ko Krishna Janmashtmi Bhajan
सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।
पखारो इनके चरणो को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने में,
आया है दिल को सुकून उनके करीब आने में,
मुद्दत से प्यासी अखियो को मिला आज वो सागर,
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में।
उमड़ आई मेरी आखें,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलिया,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।
पखारो इनके चरणो को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलको को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
सरकार आ गए है मेरे गरीब खाने में,
आया है दिल को सुकून उनके करीब आने में,
मुद्दत से प्यासी अखियो को मिला आज वो सागर,
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में।
उमड़ आई मेरी आखें,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रोशन मेरी गलिया,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये हैं।
मेरे सरकार आये हैं (सजा दो घर को गुलशन सा ) | Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa | @RajPareek
Author - Saroj Jangir
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