ऊँचे कुल की जनमिया करनी ऊँच न होय हिंदी मीनिंग Unche Kul Ka Janamiya Meaning : Kabir Ke Dohe/Arth/Bhavarth
ऊँचे कुल की जनमिया, करनी ऊँच न होय |
कनक कलश मद सों भरा, साधु निन्दा कोय ||
or
ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँच न होइ ।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधू निंदै सोइ ।।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधू निंदै सोइ ।।
Unche Kul Ka Janamiya, Karani Unch Na Hoy,
Kanak Kalash Mad So Bhara, Sadhu Ninda Koy.
Kanak Kalash Mad So Bhara, Sadhu Ninda Koy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
संत कबीर दास जी का यह दोहा बहुत ही सार्थक है। इस दोहे में वे कुल के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। वे कहते हैं कि कुल से कोई बड़ा नहीं होता है। इस दोहे में, संत कबीर दास जी "ऊँचे कुल की जनमिया, करनी ऊँच न होय" का अर्थ है कि ऊँचे कुल में जन्म लेने से कोई बड़ा नहीं होता है। "कनक कलश मद सों भरा, साधु निन्दा कोय" का अर्थ है कि सोने का घड़ा यदि मदिरा से भरा है, तो वह महापुरुषों द्वारा निन्दित ही है।