बीत रही पल पल जिंदगानी Beet Rahi Pal Pal Jindgani
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा,
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा।
बालकपन खेलों में बीता,
कभी तू हरा कभी तू जीता,
न कभी वेद पढ़े न गीता,
तू करग्या नादानी,
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा।
जवानी की जब मस्ती छायी,
श्याम भजे न न रघुराई,
धरम करम की सुध बिशराई,
रे हे मूरख प्राणी,
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा।
उलझ गया रे तू फिर गृहस्थी में,
ध्यान दिया न कभी भक्ति में,
धन जोड़े लग रहा युक्ति में,
तू कर रहा बेईमानी,
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा।
बीती उम्र बुढ़ापा आया,
अब भगवन चंद घबराया,
तरुण याद परमेश्वर आया,
बनता अब ज्ञानी,
बीत रही पल पल जिंदगानी,
तू कब हरि गुण गाएगा।
आखिर मिल ही गया ये भजन ~ Beet Rahi Pal Pal Jindgani | Nirgun Bhajan ~ Tarun Baliyan
Durga Mata Bhajan Lyrics Hindi