ब्रह्मचारिणी माता आरती लिरिक्स Brahmcharini Mata Aarti Lyrics

ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। इस दिन साधक अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं और तप, त्याग, और ज्ञान की शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं।

ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा विधि इस प्रकार है:
सबसे पहले, एक साफ स्थान पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर, माँ को गंगा जल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, अक्षत, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
माँ की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें। अंत में, माँ से अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और ज्ञान प्राप्त करने की कामना करें। ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा करने से भक्तों को तप, त्याग, और ज्ञान की शक्ति प्राप्त होती है। वे अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और मोक्ष प्राप्त करते हैं।

ब्रह्मचारिणी माता आरती लिरिक्स Brahmcharini Mata Aarti Lyrics

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो,
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा,
जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता,
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए,
कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने,
जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर,
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना,
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम,
पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी,
रखना लाज मेरी महतारी।

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता,
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
 


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