लहर लहर लहराए रे ओ मेरी मैया की चुनरी लिरिक्स Lahar Lahar Laharaye Bhajan Lyrics

नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा को शक्ति, साहस और दया का अवतार माना जाता है। नवरात्रि के दौरान, लोग देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए व्रत, उपवास, पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन करते हैं।
भारतीय संस्कृति में, माता रानी को सबसे पूजनीय देवी माना जाता है। उन्हें सभी देवी-देवताओं की जननी माना जाता है। माता रानी को शक्ति, दया और करुणा की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली मानी जाती हैं। नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है। यह पर्व शरद ऋतु में नौ दिनों तक मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

Naye Bhajano Ke Lyrics

लहर लहर लहराए रे ओ मेरी मैया की चुनरी लिरिक्स Lahar Lahar Laharaye Bhajan Lyrics : Mata Rani Bhajan

लहर लहर लहराए रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
भक्तो के मन को भाए रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
मैया की चुनरी,
मेरी मैया की चुनरी।

चुनरी के धागों में भक्तो का प्यार,
करलो मैया जी इसे स्वीकार,
बड़े प्यार से मां को ओढाये रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी।

चुनरी के रंगो में भक्तो का प्यार,
कर देती भक्तो की नैया को पार,
सब के भाग जगाये रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
लहर लहर लहराए,
ओ मेरी मैया की चुनरी।

चुनरी की महिमा है सब से अपार,
भर देती पल में सभी के भण्डार,
कभी ना खली लौटाए रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
लहर लहर लहराए,
ओ मेरी मैया की चुनरी।

आ जाओ भक्तो मां को सजाएं,
रंग बिरंगी चुनरी मां को ओढ़ाएं,
करेगी सभी का उद्धार रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
लहर लहर लहराए,
ओ मेरी मैया की चुनरिया।
 


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लहर लहर लहराए रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
भक्तो के मन को भाए रे,
ओ मेरी मैया की चुनरी,
मैया की चुनरी,
मेरी मैया की चुनरी।
इस भजन में, भक्त देवी माँ की चुनरी की सुंदरता और महिमा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि चुनरी हवा में लहराते हुए भक्तों के मन को भाती है। चुनरी के धागों में भक्तों का प्यार होता है, और चुनरी के रंगों में भक्तों की आस्था होती है। चुनरी भक्तों की नैया को पार लगाती है और उनके भाग्य को जगाएगी। चुनरी की महिमा अपार है, और यह सभी के भंडार को भर देगी। भक्त माँ को रंग बिरंगी चुनरी पहनाकर उनका स्वागत करते हैं। वे मानते हैं कि चुनरी सभी का उद्धार करेगी।
इस भजन में चुनरी को माँ की आशीर्वाद और कृपा का प्रतीक माना गया है। चुनरी भक्तों के लिए माँ का प्यार और स्नेह का प्रतीक है। चुनरी भक्तों को माँ के करीब लाती है और उन्हें माँ की शक्ति का अनुभव कराती है।
इस भजन की कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:
 "चुनरी के धागों में भक्तो का प्यार, करलो मैया जी इसे स्वीकार, बड़े प्यार से मां को ओढाये रे, ओ मेरी मैया की चुनरी।"
इस पंक्ति में, भक्त माँ से चुनरी को स्वीकार करने की प्रार्थना करते हैं। वे चुनरी को अपने प्यार और श्रद्धा का प्रतीक मानते हैं।
 "चुनरी के रंगो में भक्तो का प्यार, कर देती भक्तो की नैया को पार, सब के भाग जगाये रे, ओ मेरी मैया की चुनरी।"
इस पंक्ति में, भक्त मानते हैं कि चुनरी भक्तों की नैया को पार लगाती है। यह उन्हें कठिनाइयों से बचाती है और उन्हें सफलता दिलाती है।
 "चुनरी की महिमा है सब से अपार, भर देती पल में सभी के भण्डार, कभी ना खली लौटाए रे, ओ मेरी मैया की चुनरी।"
इस पंक्ति में, भक्त मानते हैं कि चुनरी की महिमा अपार है। यह सभी के भंडार को भर देती है और कभी खली नहीं होती।
यह भजन भक्तों के लिए माँ की चुनरी के महत्व को बताता है। चुनरी भक्तों के लिए माँ का प्यार और आशीर्वाद का प्रतीक है। यह भक्तों को माँ के करीब लाती है और उन्हें माँ की शक्ति का अनुभव कराती है।

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