हरि हरि सुमिरन करो हरि चरणान
हरि हरि सुमिरन करो हरि चरणान वृन्द उर धरो
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो।
हरे राम हरे राम,
रामा रामा हरे हरे,
हरे कृष्णा करे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरि की कथा होइ जब जहां,
गंगा ही चली आवे तहां,
जमुना सिंधु सरस्वती आवे,
गोदावरी विलम्ब ना लावे,
सर्व तीरथ को बासा वहां,
सूर हरि कथा होवै जहां,
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो।
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो।
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो।
हरे राम हरे राम,
रामा रामा हरे हरे,
हरे कृष्णा करे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरि की कथा होइ जब जहां,
गंगा ही चली आवे तहां,
जमुना सिंधु सरस्वती आवे,
गोदावरी विलम्ब ना लावे,
सर्व तीरथ को बासा वहां,
सूर हरि कथा होवै जहां,
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो।
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो,
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो,
हरि चरणान वृन्द उर धरो।
Hari Hari Sumiran Karo (Chintamani Surdas)