मोरनी बन के बाग में नाचूंगी
मोरनी बन के बाग में नाचूंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया,
मोरनी बनके बाग में नाचूंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया।
जब रे श्याम घाट पे आये,
हम सब के वह चीर चुराए,
मैं घर को कैसे जाऊँगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया।
मोहन संग सब रास रचावे,
बिन मोहन के चैन ना आवे,
रात मोहन को तड़पाऊंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया।
छलिया करता है छल सबसे,
फिर भी रहता दिल में सबके,
श्याम के नैनं में बस जाऊंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया।
मोरनी बन के बाग में नाचूंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया,
मोरनी बनके बाग में नाचूंगी,
घनश्याम बजा दे मुरलिया।
मोरनी बन के बागो में नाचूंगी घनश्याम बजा दे मुरलिया - कृष्ण भजन | Morni Banke Bago Mein Nachungi