श्री खाटूश्याम वंदना लिरिक्स
श्री खाटूश्याम वंदना लिरिक्स
हाथ जोड़कर विनति करूं,
सुनियो चित्त लगाये,
दास आ गयो शरण में,
राखियो इसकी लाज।
धन्य ढूंढारो देश है,
खाटू नगर सुजान,
अनुपम छवि श्री श्याम की,
दर्शन से कल्याण।
श्याम श्याम नित मैं रटूं,
श्याम ही जीवन प्राण,
श्याम भक्त जग में बड़े,
उनको करूं प्रणाम।
खाटू नगर के बीच में,
बनयो आपको धाम,
फागुन शुक्ला मेला भरे,
जय जय बाबा श्याम।
फागुन शुक्ला द्वादशी,
उत्सव भारी होय,
बाबा के दरबार से,
खाली जाये ना कोई।
उमापति लक्ष्मीपति,
सीतापति श्रीराम,
लज्जा सबकी राखियो,
खाटू के श्री श्याम।
पान सुपारी इलायची,
अतर सुगंध भरपूर,
सब भगतन की विनति,
दर्शन देओ हुजुर।
आलूसिह जी तो प्रेम से,
धरे श्याम का ध्यान,
श्याम भक्त पावे सदा,
श्याम कृपा से मान।
सुनियो चित्त लगाये,
दास आ गयो शरण में,
राखियो इसकी लाज।
धन्य ढूंढारो देश है,
खाटू नगर सुजान,
अनुपम छवि श्री श्याम की,
दर्शन से कल्याण।
श्याम श्याम नित मैं रटूं,
श्याम ही जीवन प्राण,
श्याम भक्त जग में बड़े,
उनको करूं प्रणाम।
खाटू नगर के बीच में,
बनयो आपको धाम,
फागुन शुक्ला मेला भरे,
जय जय बाबा श्याम।
फागुन शुक्ला द्वादशी,
उत्सव भारी होय,
बाबा के दरबार से,
खाली जाये ना कोई।
उमापति लक्ष्मीपति,
सीतापति श्रीराम,
लज्जा सबकी राखियो,
खाटू के श्री श्याम।
पान सुपारी इलायची,
अतर सुगंध भरपूर,
सब भगतन की विनति,
दर्शन देओ हुजुर।
आलूसिह जी तो प्रेम से,
धरे श्याम का ध्यान,
श्याम भक्त पावे सदा,
श्याम कृपा से मान।
श्री श्याम की 31 वंदना - Shyam Shyam 31 Vandana - Tara Devi @SaawariyaMusic
