(मुखड़ा) दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ, रहमत कर माँ, चरणों में रख ले, जग की मैं ठुकराई हूँ।।
(अंतरा) कौन है अपना जग में मैया, किसको मैं अपना कहूँ, कोई नहीं अब मेरी सुनता, किसको दिल का दर्द कहूँ, बेदर्दी इस जग से मैया,
हार तेरे दर आई हूँ, दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ।।
दुनिया के भवसागर में माँ, सबने मुझको छोड़ दिया, दिया ना साथ किसी ने मेरा, सबने ही मुख मोड़ लिया, राह अंधेरी देख के मैया, मैं तो बड़ी घबराई हूँ, दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ।।
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
तोड़ के सारे जग के बंधन, तुझसे आस लगाई है, दिल मेरा कहता मुझसे मैया, होनी मेरी सुनवाई है, और ना कुछ भी माँगू तुझसे, बस एक अर्जी लाई हूँ, दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ।।
मतलब के सब साथी हैं माँ, कोई ना मेरा अपना है,
अपनों ने ही गैर बना कर, तोड़ा हर एक सपना है, किससे कहूँ मैं अपना जग में, सबके लिए तो पराई हूँ, दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ।।
(पुनरावृति) दर-दर की माँ, खा के ठोकर, तेरे दर पर आई हूँ, रहमत कर माँ, चरणों में रख ले, जग की मैं ठुकराई हूँ।।
रहमत कर माँ | Navratri Special Devi Geet | Rehmat Kar Maa | by Sona Jadhav | Full HDwith Lyrics
Song: Rehmat Kar Maa Singer: Sona Jadhav Music: Lovely Sharma Lyricist: Nitin Diwan Video: Sarvan Kumar