भज मन तू सीताराम को लिरिक्स
भज मन तू सीताराम को,
रघुनाथ पूरण काम को,
तन मन को आत्मा को,
मिले आराम,
श्री राम श्री राम सीता राम,
श्री राम श्री राम सीता राम।
आत्मा परमात्मा का,
नित्य नाता भूल कर,
जग के नश्वर काम में,
उलझा रहा तू उम्र भर,
बिगड़ा नहीं कुछ,
प्रेम से ले नाम,
श्री राम श्री राम सीता राम,
श्री राम श्री राम सीता राम।
अपना तन मन और जीवन,
अपने सारे काम को,
पुण्य पाप और कर्म का फल,
सौंप दे सब राम को,
पायेगा तू श्री राम जी का धाम,
श्री राम श्री राम जय जय राम,
श्री राम श्री राम सीता राम।
राम को भज राम को जप,
राम का गुणगान कर,
राम का चिंतन मनन कर,
राम रस का पान कर,
श्री राम को भज राम को जप,
राम का गुणगान कर,
राम का चिंतन मनन कर,
राम रस का पान कर,
यही नाम हो अधरों पे,
आठों याम,
श्री राम श्री राम सीता राम,
श्री राम श्री राम सीता राम।
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