खाटू में सांवरे का दरबार निराला है
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है,
जब करता मैं तेरा दर्शन,
वह दीदार निराला है,
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है।
रींगस से जब तेरे प्रेमी,
निशान उठाते हैं,
अपने हृदय में भावों से,
तुझको ही मनाते हैं,
वह निशान चढ़ाने का,
एहसास निराला है,
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है।
तेरी पावन ज्योत का दर्शन,
करने जो दर पर आये,
फिर तेरी मोरछड़ी का,
झाड़ा भी वो पा जाये,
उसके कष्ट मिटाने का,
अंदाज निराला है,
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है।
जब मैं भी अपने सिर को,
तेरी चौखट पर झुकाया,
मैंने देखा तेरे दर पर,
लिखा हारे का सहारा,
ज्योति को शरण लगाया,
यह उपकार निराला है,
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है।
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है,
जब करता मैं तेरा दर्शन,
वह दीदार निराला है,
खाटू में सांवरे का,
दरबार निराला है।
Sanware Ka Darr Nirala Hai || Jyoti Pal || New Shyam Bhajan 2023