जबसे गुरूजी घर में हमारे,
चरण आपने डाले,
भक्ति की ज्योती जागी,
खुशियों के हुए उजाले,
धन्यवाद आपका,
धन्यवाद आपका।
यूं तो कोई कमी नहीं थी,
पहले भी जीवन में,
खालीपन सा एक रहा,
करता था केवल मन में,
पर अब लगता है कि जैसे,
मन में बने शिवालय।
रहमत से हर वक़्त आपकी,
दुनिया लगे सुहानी,
हर मुश्किल यूं लगती जैसे,
है बस आनी जानी,
नैया डूबे कैसे जिसको,
आप हो खेवन वाले।
खुशकिस्मत भक्तों में,
साहिल नाम हमारा आया,
किस्मत में लिखे से ज्यादा,
प्रेम प्रभु से पाया,
सबकुछ मिल जाता है उसको,
जो भी आपको पा ले।
जबसे गुरूजी घर में हमारे,
चरण आपने डाले,
भक्ति की ज्योती जागी,
खुशियों के हुए उजाले,
धन्यवाद आपका,
धन्यवाद आपका।
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