कन्हैया ले चल परली पार लिरिक्स Kanhaiya Le Chal Paralipar Lyrics
कन्हैया ले चल परली पार,
सांवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे राधा रानी,
अलबेली सरकार।
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहत मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणों की दासी,
मेरे प्राण आधार,
सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार।
तेरी आस लगा बैठी हूं,
लज्जा शील गवा बैठी हूं,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूं,
आंखें खूब थका बैठी हूं,
सांवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा राग मल्हार,
सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार।
जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रीतम मेरे माझी,
अब करदो बेड़ा पार,
सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार।
आनंद धन जहा बरस रहा,
पीय पीय कर कोई बरस रहा है,
पत्ता पत्ता हर्ष रहा है,
भक्त बेचारा क्यों तरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं,
क्यों छोड़ा मझधार,
सांवरिया ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार।
साँवरिया ले चल परली पार | Nikunj Kamra Latest Bhajan | Bhav Pravah #krishnabhajan # sankirtan
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