आई शगनो की घड़ियाँ सुहानी
आई शगनो की घड़ियाँ सुहानी
आई शगुनों की घड़ियाँ सुहानी,
अंग-संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
गदगद होकर गुण तेरे गाऊँ,
हाथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी-वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
सारा परिवार तेरा शुक्र मनाए,
खुशियों के तूने मैया दिन दिखलाए,
ममतामयी ने किए ममता के साये,
देते हैं बधाई सब अपने पराए,
सब कारज तूने संवारे,
सुख बख्शे रुहानी कई सारे,
दिन आए हैं मुरादों वाले प्यारे,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
ज़िंदगी की डोर माँ, तेरे हवाले,
तूने ही दिए हैं खुशियों के उजाले,
रंग तेरी कृपा के अजब निराले,
साहिल को हरदम तू ही संभाले,
हर हाल में तूने संभाला,
हर चिंता से हमको निकाला,
दिल सच में है तेरा विशाल,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
आई शगुनों की घड़ियाँ सुहानी,
अंग-संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
गदगद होकर गुण तेरे गाऊँ,
हाथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी-वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
अंग-संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
गदगद होकर गुण तेरे गाऊँ,
हाथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी-वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
सारा परिवार तेरा शुक्र मनाए,
खुशियों के तूने मैया दिन दिखलाए,
ममतामयी ने किए ममता के साये,
देते हैं बधाई सब अपने पराए,
सब कारज तूने संवारे,
सुख बख्शे रुहानी कई सारे,
दिन आए हैं मुरादों वाले प्यारे,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
ज़िंदगी की डोर माँ, तेरे हवाले,
तूने ही दिए हैं खुशियों के उजाले,
रंग तेरी कृपा के अजब निराले,
साहिल को हरदम तू ही संभाले,
हर हाल में तूने संभाला,
हर चिंता से हमको निकाला,
दिल सच में है तेरा विशाल,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
आई शगुनों की घड़ियाँ सुहानी,
अंग-संग तू बिराजे महारानी,
उपकार है तेरा भवानी,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
गदगद होकर गुण तेरे गाऊँ,
हाथ जोड़ के शीश झुकाऊँ,
वारी-वारी बलिहारी जाऊँ,
करूँ मैं तेरा शुक्राना,
करूँ मैं तेरा शुक्राना।।
आईं शगनों की घड़ियाँ ।। Aayin shagno ki ghadiyan || Nidhi Sahil ll Mata ki bheint ll Navratre 2024