भेज रहे हैं पीले चावल घर में
भेज रहे हैं पीले चावल,
घर में अलख जगाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को,
यह चौबीस साल जीवन में,
खुशियां लेकर आया है,
जन जन के भगवान राम ने,
अब अपना घर पाया है,
अब तक था त्रिपाल शीश पर,
उससे मुक्ति दिलाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को।
जन्मभूमि राघव की प्यारी,
पर यवनों का डेरा था,
मन्दिर भव्य जहां पहले था,
जिस पर पानी फेरा था,
तोड़ उसे बाबरी बनायी,
ताकत हमें दिखाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को।
गये पांच सौ साल हजारों,
भक्तों ने बलिदान दिया,
मन्दिर भव्य बनेगा फिर से,
प्रभु का यह आह्वान किया,
आज उन्हीं भक्तों को मिलकर,
श्रद्धा सुमन चढ़ाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को।
दीनदयाल दिवाली फिर से,
घर घर सभी मनायेंगें,
पूर्ण हुआ वनवास राम का,
गीत खुशी के गायेंगें,
समय लौटकर नहीं आता है,
इतनी याद दिलाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को।
भेज रहे हैं पीले चावल,
घर में अलख जगाने को,
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा,
न्यौता सबका आने को,
जय जय सियाराम।
भेज रहे हैं पीले चावल | घर घर अलख जगाने को | Ram Bhajan | Ayodhya Ram Mandir Latest Song 2024
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