बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
बचपन बीता खेलन में,
माया लिपट गई जीवन में,
बुढापा पछताने को आ गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
कंचन काया खूब सजाई,
तेल फूल मैंने खूब लगाया,
मेरे नस नस में रोग समाय गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
पहले दूध पीया बचपन में,
माल मिठाई खाई भर यौवन में,
बुढापा कड़वी दवाई पीलाय गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
पहले तो है गोद में आसन,
भर यौवन में ऊचा सिंहासन,
बुढापा पोली में सुला गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
पाप पूण्य की बाँधे गठरीया,
प्रेम से चले हैं अपनी डगरिया,
बुढापा मेरे ऊपर आ गयो री,
हाथ मेरे लठिया थमा गयो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
मोह माया में मन मेरो उलझो,
चौरासी में मोहे फंसावे,
पाप ताप में मोहे फंसावे,
जन्म मरण में मोहे गिरावे,
मेरे गुरु ने आके मोहे थाम लीयो रे,
मेरे गुरु ने पार मोहे लगा दियो रे,
मोहे राम नाम मन भाय गयो रे,
बुढापा बेरी काहे को आ गयो रे।
बुढ़ापा बैरी आ गया Budhapa Beri Aa Gaya | Chetavni Bhajan | Nirgun Bhajan | Haryanvi Bhajan
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।