दीनबन्धु दीनानाथ मेरी तन हेरिये लिरिक्स
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी तन हेरिये लिरिक्स
दीनबन्धु दीनानाथ,
मेरी तन हेरिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,
मेरी तन हेरिये।
भाई नाहिं बन्धु नाहिं,
कटुम-परिवार नाहिं,
ऐसा कोई मीत नाहिं,
जाके ढिंग जाइये।
खेती नाहिं बारी नाहिं,
बनिज ब्योपार नाहिं,
ऐसो कोउ साहु नाहिं,
जासों कछू माँगिये।
कहत मलूकदास छोड़ि दे,
पराई आस,
राम धनी पाइकै अब,
काकी सरन जाइये।
श्री भगवंत सेवार्थ हेतू,
अर्पण करीत आहोत।
मेरी तन हेरिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,
मेरी तन हेरिये।
भाई नाहिं बन्धु नाहिं,
कटुम-परिवार नाहिं,
ऐसा कोई मीत नाहिं,
जाके ढिंग जाइये।
खेती नाहिं बारी नाहिं,
बनिज ब्योपार नाहिं,
ऐसो कोउ साहु नाहिं,
जासों कछू माँगिये।
कहत मलूकदास छोड़ि दे,
पराई आस,
राम धनी पाइकै अब,
काकी सरन जाइये।
श्री भगवंत सेवार्थ हेतू,
अर्पण करीत आहोत।
Malookdas Bhajan | Deenbandhu Deenanath | Suvarna Rathod Kulkarni | मलूकदास भजन | दीनबंधू दीनानाथ
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