एक बारिश की तरह लिरिक्स Ek Barish Ki Tarah Bhajan Lyrics

एक बारिश की तरह लिरिक्स Ek Barish Ki Tarah Bhajan Lyrics


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एक बारिश की तरह,
एक अग्नि के समान,
या गिर जाये मुझपे,
एक चादर के समान।
 
हो दुगना और ताज़ा,
हो अभिषेक आज मुझपे,
हो दुगना दुगना,
पहले ज़्यादा ज़्यादा
हो अभिषेक आज मुझपे।

अभिषेक कर दे,
मुझे तेरी रूह से,
की माई बन सकुं,
हु ब हू तेरे जैसे।

तेरी नज़रों से मैं देख सकुं,
तेरी बातों को मैं सुन सकुं,
एक ऐसी कृपा,
कर दे मुझपे ​​येशु।

Abhishek (Ek Baarish Ki Tarah )/ अभिषेक (एक बारिश की तराह )


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