गुरु समीप पुनि करियो बासा लिरिक्स Guru Sameep Puni Kariyo Lyrics
गुरु समीप पुनि करियो बासा,
जो अति उत्कट हे जिज्ञासा,
गुरु मूरति को हियमें ध्याना,
धारै जो चाहे कल्याना।
मन की जानै सब गुरु,
कहाँ छिपावै अंध,
सदगुरु सेवा कीजिए,
सब कट जावे फंद।
वेद उदधि बिन गुरु लखे,
लागे लौन समान,
बादल गुरु मुख द्वार है,
अमृत से अधिकान।
गुरु समीप पुनि करियो बासा,
जो अति उत्कट हे जिज्ञासा,
गुरु मूरति को हियमें ध्याना,
धारै जो चाहे कल्याना।
जो अति उत्कट हे जिज्ञासा,
गुरु मूरति को हियमें ध्याना,
धारै जो चाहे कल्याना।
मन की जानै सब गुरु,
कहाँ छिपावै अंध,
सदगुरु सेवा कीजिए,
सब कट जावे फंद।
वेद उदधि बिन गुरु लखे,
लागे लौन समान,
बादल गुरु मुख द्वार है,
अमृत से अधिकान।
गुरु समीप पुनि करियो बासा,
जो अति उत्कट हे जिज्ञासा,
गुरु मूरति को हियमें ध्याना,
धारै जो चाहे कल्याना।
गुरु पूर्णिमा स्पेशल गुरु वंदना || गुरु चरणों में वंदना || Guru Purnima Special || #BhaktiDhara
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