हाथ जोड़ वंदन करूं लिरिक्स Hath Jod Vandan Karu Lyrics
हाथ जोड़ वंदन करूं,
धरूं चरण पे शीश,
ज्ञान भक्ति मोहे दीजिए,
परम पुरुष जगदीश।
सब कुछ दीना आपने,
भेंट धरूं क्या नाथ,
नमस्कार की भेंट धरुं,
जोड़ूं मैं दोनों हाथ।
दुःख रूप संसार ये,
जन्म मरण की खान,
आप निकालो दया करो,
ईसदगुरु दीन दयाल।
प्रेम भक्ति से देना हमें,
हे प्रेम अवतार,
हे करुणा अवतार,
तुम हो गगन के चंद्रमा,
हम रहें अनुकूल।
हाथ जोड़ वंदन करूं,
धरूं चरण पे शीश,
ज्ञान भक्ति मोहे दीजिए,
परम पुरुष जगदीश।
धरूं चरण पे शीश,
ज्ञान भक्ति मोहे दीजिए,
परम पुरुष जगदीश।
सब कुछ दीना आपने,
भेंट धरूं क्या नाथ,
नमस्कार की भेंट धरुं,
जोड़ूं मैं दोनों हाथ।
दुःख रूप संसार ये,
जन्म मरण की खान,
आप निकालो दया करो,
ईसदगुरु दीन दयाल।
प्रेम भक्ति से देना हमें,
हे प्रेम अवतार,
हे करुणा अवतार,
तुम हो गगन के चंद्रमा,
हम रहें अनुकूल।
हाथ जोड़ वंदन करूं,
धरूं चरण पे शीश,
ज्ञान भक्ति मोहे दीजिए,
परम पुरुष जगदीश।
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा | चेतावनी भजन | प्रकाश गाँधी | PMC संत संदेश | New Bhajan
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