ज्योत से ज्योत जगाओ आरती
ज्योत से ज्योत जगाओ,
ज्योत से ज्योत जगाओ,
ज्योत से ज्योत जगाओ सदगुरु,
ज्योत से ज्योत जगाओ।
मेरा अन्तर तिमिर मिटाओ सदगुरु,
ज्योत से ज्योत जगाओ,
हे योगेश्वर हे परमेश्वर,
हे ज्ञानेश्वर हे सर्वेश्वर।
निज कृपा बरसाओ सदगुरु,
ज्योत से ज्योत जगाओ,
हम बालक तेरे द्वार पे आये,
मंगल दरस दिखाओ सदगुरु,
ज्योत से ज्योत जगाओ।
शीश झुकाय करें तेरी आरती,
प्रेम सुधा बरसाओ सदगुरु।
साची ज्योत जगे जो हृदय में,
सोऽहं नाद जगाओ सदगुरु।
अन्तर में युग युग से सोई,
चितिशक्ति को जगाओ सदगुरु।
जीवन में श्रीराम अविनाशी,
चरनन शरन लगाओ सदगुरु,
ज्योत से ज्योत जगाओ।
स्वामी मोहे ना बिसारियो,
चाहे लाख लोग मिल जायें,
हम सम तुमको बहुत हैं,
तुम सम हमको नांहीं।
दीन दयाल की बिनती,
सुन हो गरीब नवाज,
जो हम पूत कपूत हैं,
तो हे पिता तेरी लाज।
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा | चेतावनी भजन | प्रकाश गाँधी | PMC संत संदेश | New Bhajan
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