बड़ी दूर से चल कर आया हूँ भजन
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ भजन
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ, चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।
नरोली, मौली, चावल है, न धन-दौलत की थैली है,
दो आँसू बचा कर लाया हूँ, पूजा तेरी करने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
ना रंगमहल की अभिलाषा, ना इच्छा सोने-चाँदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है, झोली मेरी भरने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
मेरे बाबा, मेरी इच्छा नहीं, अब यहाँ से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी, मुझे जीवन भर रहने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ, चरणों में तेरे अर्पण के लिए।।
नरोली, मौली, चावल है, न धन-दौलत की थैली है,
दो आँसू बचा कर लाया हूँ, पूजा तेरी करने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
ना रंगमहल की अभिलाषा, ना इच्छा सोने-चाँदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है, झोली मेरी भरने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
मेरे बाबा, मेरी इच्छा नहीं, अब यहाँ से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी, मुझे जीवन भर रहने के लिए।।
बड़ी दूर से चल कर आया हूँ...।।
New shyam bhajan बड़ी दूर से चल कर आया हूँ मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिएKhatu shyam bhajan