गीता जी की आरती Geeta Aarti Lyrics

गीता जी की आरती Geeta Aarti Lyrics


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जय भगवद्गीते मैया,
जय भगवद्गीते,
कर्म ज्ञान भक्ति की,
गंगा सुपुनीते।

धर्म अधर्म के रण में,
जब अर्जुन डोले,
गीता ज्ञान रहस्य,
यदुनंदन खोले।

श्रीकृष्ण मुख निकली,
वेदमयी वाणी,
ग्रन्थ शिरोमणि गीता,
माता कल्याणी।

ब्रह्म-योग ब्रह्म-विद्या,
मन को वश में करे,
आतम ज्ञान बढ़ावे,
पाप त्र्यताप हरे।

सत्य धर्म ईश्वर की,
भक्ति सिखलावे,
कर्तव्य नीति निष्ठा,
मार्ग दिखलावे।

कुरुक्षेत्र में प्रगटी,
वीरों की माता,
करे अनुसरण जो इसका,
हरि दर्शन पाता।

मोह शोक भय हारी,
विघ्न विकार हरे,
जीवन जोत जगावे,
दूर अन्धकार करे।

कहत मधुप कर वन्दन,
आरती जो गावे,
बल भक्ति यश कीर्ति,
मुक्ति वर पावे।

गीता जयंती 2023 - श्रीमद भगवद गीता आरती - Shri Bhagwad Geeta Aarti - Geeta Jayanti Special


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