जन्म राधारानी दा सुन के मैं बरसाने आयी
जन्म राधारानी दा सुन के,
मैं बरसाने आयी आ,
मैं बरसाने आयी आ,
मैं श्री जी की बुलाई आ,
मैं बरसाने आयी आ,
मैं समाज बुलाई आ,
जन्म राधारानी दा सुन के,
मैं बरसाने आयी आ,
जन्म राधा रानी दा सुन के,
मैं बरसाने आयी आ।
मेरे पैर में लग गए छल्ले,
मेरी हो गई बल्ले बल्ले,
खुशियां रोम रोम में छाइयां जी,
करता हो जायियाँ टल्ले,
लाडो का मुख देखन ताई,
मैं चल के दूरो आयीयां,
लली तेरी जुग जुग जीवे,
हो दुधा अमृत पीवे,
हो में तो वारी जावा,
हो जिन्दडी गोल घुमावां,
लल्ली तेरी कर्मा वाली,
लल्ली तेरी बागा वाली,
हो में तो वारी जावा,
हो जिन्दडी गोल घुमावां,
हो में तो वारी जावा।
लली तेरी गोरी गोरी,
लली तेरी सोनी सोनी,
लल्ली की उतरन लूंगी,
लल्ली कि लूं बलैया,
सखी में लूंगी बधाइया,
आज मैं लूंगी बधाइयां,
लल्ली के पायल लूंगी,
लल्ली के कंगना लूंगी।
जिथे मर्जी नचा लेई हो,
जीथे मर्जी सजा लेई हो,
मेरी आंख बंद होने ते पहला,
बरसाने बुला लेई हो,
पाणी छन बीच का पिता,
तेरे बीचों रब दिसेया हो,
तेनु सजदा में ताकीदा हो,
चिट्टे रंग दा बादाम होसी।
कटो चक्कर नसीबा दा,
तेरे बाजो राधा रानी ये,
सद्दा कौन गरीबा दा,
जन्म राधा रानी दा सुन के,
मैं बरसाने आयी आ,
जन्म राधा रानी दा सुन के,
मैं बरसाने आयी आ।
जन्म राधा रानी दा सुन के मैं बरसाने आयी आ | 18.9.2021 | रमेश नगर दिल्ली | साध्वी पूर्णिमा जी बाँसुरी
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