करुणा करो कष्ठ हरो ज्ञान दो भगवन भजन
श्री कृष्ण कहते हैं,
जो हमेशा मेरा स्मरण,
या इक चित मन से,
मेरा पूजन करते हैं,
मैं व्यक्तिगत रूप से,
उनके कल्याण का,
उत्तरदायित्व लेता हूं।
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारूं मैं गिरधर तेरी आरती।
राधे कृष्णा राधे कृष्णा,
राधे कृष्णा बोल।
श्री कृष्ण कहते हैं,
जो हुआ वो अच्छा हुआ,
जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है,
और जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,
भव में फंसी नाव मेरी तार दो भगवन,
दर्द की दवा तेरे पास है,
जिंदगी दया की है भीख मांगती।
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गई मगन,
वो तो गली-गली,
हरि गुण गाने लगी,
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गई मगन।
श्री कृष्ण कहते हैं,
र्कम करो फल की चिंता मत करो,
क्योंकि जो कर्म को,
फल के लिए करता है,
वास्तव में ना उसे फल मिलता है,
और ना ही वह कर्म है।
मांगू तुझे क्या मैं यही सोचूं भगवन,
जिंदगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण,
मांगू तुझे क्या मैं यही सोचूं भगवन,
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,
चिंता है तुझको प्रभु संसार की,
मन में बसा कर तेरी मूर्ति,
उतारूं मैं गिरधर तेरी आरती।
जब जब इस धरती पर पाप,
अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,
तो उसका विनाश कर,
धर्म की पूनर्स्थापना करने हेतु,
मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा,
राधे कृष्णा राधे कृष्णा,
राधे कृष्णा बोल।
Karuna karo Kasht haro Bhajan | Dr Prakhar Dagar | करुणा करो कष्ठ हरो ज्ञान दो भगवन | #radhakrishna
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