गौरी गणेश मनाऊं आज सुध लीजे हमारी
गौरी गणेश मनाऊं आज सुध लीजे हमारी
(मुखड़ा)
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
लीजे हमारी, सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
(अंतरा)
सुरहिन गैया को गोबर मंगाऊँ,
ढिंग धर अंगना लिपाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
गंगा जल स्नान कराऊँ,
पीताम्बर पहनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ,
चंदन घोल लगाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
पहली पूजा करूँ तुम्हारी,
लड्डूवन भोग लगाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
(पुनरावृति)
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
लीजे हमारी, सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
लीजे हमारी, सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
(अंतरा)
सुरहिन गैया को गोबर मंगाऊँ,
ढिंग धर अंगना लिपाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
गंगा जल स्नान कराऊँ,
पीताम्बर पहनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ,
चंदन घोल लगाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
पहली पूजा करूँ तुम्हारी,
लड्डूवन भोग लगाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
(पुनरावृति)
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी,
लीजे हमारी, सुध लीजे हमारी,
गौरी गणेश मनाऊँ,
आज सुध लीजे हमारी।।
गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी (श्री गणेश भजन) - Maithili Thakur
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गौरी और गणेश की भक्ति वह पवित्र भाव है, जो भक्त के हृदय को श्रद्धा और प्रेम से परिपूर्ण करता है। भक्त अपनी साधना में गाय के गोबर से आंगन को लिपकर, गंगा जल से स्नान कराकर, और पीतांबर पहनाकर गणपति और माता गौरी की पूजा करता है, यह विश्वास रखते हुए कि उनकी कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होगी। हरी-हरी दूब और चंदन की सुगंध के साथ भक्त अपनी भक्ति को और गहरा करता है, और लड्डूओं का भोग लगाकर प्रथम पूज्य गणेश और माता गौरी को प्रसन्न करता है। यह पूजा का वह पावन क्षण है, जहां भक्त की हर पुकार उनके चरणों में पहुंचती है, और उनकी कृपादृष्टि जीवन को सुख-शांति से भर देती है।
गौरी और गणेश का आशीर्वाद वह शक्ति है, जो भक्त के जीवन से हर संकट को दूर करती है। भक्त अपनी साधना में पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ उनके सामने अपनी अर्जी रखता है, यह जानते हुए कि उनकी कृपा कभी अधूरी नहीं रहती। यह वह पवित्र संबंध है, जो भक्त को माता गौरी और गणपति के और करीब लाता है, जहां उनकी पूजा और भोग से मन पवित्र होता है और आत्मा को शांति मिलती है। गौरी-गणेश की यह भक्ति भक्त के आंगन को एक तीर्थस्थल में बदल देती है, जहां उनकी कृपा से हर दुख मिट जाता है और जीवन आनंदमय हो जाता है।
गौरी और गणेश का आशीर्वाद वह शक्ति है, जो भक्त के जीवन से हर संकट को दूर करती है। भक्त अपनी साधना में पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ उनके सामने अपनी अर्जी रखता है, यह जानते हुए कि उनकी कृपा कभी अधूरी नहीं रहती। यह वह पवित्र संबंध है, जो भक्त को माता गौरी और गणपति के और करीब लाता है, जहां उनकी पूजा और भोग से मन पवित्र होता है और आत्मा को शांति मिलती है। गौरी-गणेश की यह भक्ति भक्त के आंगन को एक तीर्थस्थल में बदल देती है, जहां उनकी कृपा से हर दुख मिट जाता है और जीवन आनंदमय हो जाता है।
Shanta Choudhary, Bhavya, Lalita Thakur, Soni Kumari, Kumkum Mishra, Jyoti Jha, Dolly Prabha
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Author - Saroj Jangir
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