जबसे मिली तू मावड़ी किस्मत बदल गई
जबसे मिली तू मावड़ी किस्मत बदल गई
(मुखड़ा)
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई,
भटका फिरा अंधेरों में,
राहें माँ मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 1)
कैसे बताऊँ माँ तुझे,
क्या-क्या नहीं किया,
अहसान ये तेरा माँ,
करता हूँ शुक्रिया,
सर पे फिराए हाथ जो,
बाहें वो मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 2)
दर-दर की खाई ठोकरें,
बेमोल हो गया,
तेरी शरण में आके माँ,
अनमोल हो गया,
मेरी ज़िंदगी की नाव माँ,
अब तो संभल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 3)
चरणों की धूल देकर माँ,
अपना बना लिया,
हमने भी दिल में तेरा माँ,
मंदिर सजा लिया,
उजड़ा चमन था ‘श्याम’ का,
कली फिर से खिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(पुनरावृत्ति)
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई,
भटका फिरा अंधेरों में,
राहें माँ मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई,
भटका फिरा अंधेरों में,
राहें माँ मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 1)
कैसे बताऊँ माँ तुझे,
क्या-क्या नहीं किया,
अहसान ये तेरा माँ,
करता हूँ शुक्रिया,
सर पे फिराए हाथ जो,
बाहें वो मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 2)
दर-दर की खाई ठोकरें,
बेमोल हो गया,
तेरी शरण में आके माँ,
अनमोल हो गया,
मेरी ज़िंदगी की नाव माँ,
अब तो संभल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(अंतरा 3)
चरणों की धूल देकर माँ,
अपना बना लिया,
हमने भी दिल में तेरा माँ,
मंदिर सजा लिया,
उजड़ा चमन था ‘श्याम’ का,
कली फिर से खिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
(पुनरावृत्ति)
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई,
भटका फिरा अंधेरों में,
राहें माँ मिल गई,
जबसे मिली तू मावड़ी,
किस्मत बदल गई।।
यह भजन माँ के प्रति अनन्य श्रद्धा और उसकी कृपा से जीवन में आए दिव्य परिवर्तन को दर्शाता है। जब कोई व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों में भटकता रहता है, तब माँ की शरण में आकर उसे सच्चा संबल और सही मार्ग प्राप्त होता है।
इस भजन में माँ के प्रेम को जीवन का आधार माना गया है। जब भक्त माँ की छत्रछाया में आता है, तो उसकी किस्मत बदल जाती है—जो पहले अंधेरों में भटक रहा था, उसे अब सही राह मिल गई। माँ के चरणों की धूल का महत्व बताते हुए यह भजन दर्शाता है कि जब भक्त अपनी समर्पण भावना से माँ की सेवा में आता है, तब उसे सच्चा आनंद और सुरक्षा प्राप्त होती है।
भजन में माँ की कृपा को जीवन का सबसे बड़ा उपहार माना गया है, जहाँ साधारण जीवन भी उसकी शरण में आकर अनमोल हो जाता है। माँ के प्रेम से, जो पहले बिखरा हुआ था, वह फिर से संवर जाता है—जैसे सूखा हुआ चमन फिर से खिल जाता है।