जब भी सावन रुत आए भोले के दीवाने गाए
जब भी सावन रुत आए भोले के दीवाने गाए
जब जब सावन की ऋतु आए
भक्तों का दिल ललचाए
के कांवड़ उठा के चलूं
और बम बम गा के चलूं
तो जन्म सफल हो जाए।
जब भी सावन ऋतु आए
भोले के दीवाने गाए
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
नाचे कांवड़िया सारे
झूम झूम कर हौले हौले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
भोले की सुन के कहानियां
होती सफल हैं जिंदगानियां
रिमझिम जब बादल बरसे
मस्त पवन कानों में बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
कोई माने या ना माने
वो है जग के रखवाले
मुंहमांगा वर देते हैं
भक्तों को डमरू वाले
भक्तों को डमरू वाले
वो भोला भाला मुखड़ा
वो नैना मद के प्याले
मस्तक पे चमके चंदा
गले में विषधर को डाले
गले में विषधर को डाले
भक्तों की सब हैरानियां
हर लेते हैं वो परेशानियां
जिनका जयकारा सारे
दुखियों का बंधन खोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
सारी दुनिया आती है
भोले जी के आंगन में
लाखों कांवड़ चढ़ते हैं
जिनको हर दिन सावन में
जिनको हर दिन सावन में
दरबार में उनके शर्मा
जो भी फरियाद सुनाते
वो मुंहमांगा और लख्खा
शिवशंकर जी से पाते
शिवशंकर जी से पाते
कहती हैं भक्तों की टोलियां
भरते हैं सबकी वो झोलियां
जिनका नित डमरू सारी
दुनिया में डम डम डम डम बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
जब भी सावन ऋतु आए
भोले के दीवाने गाए
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
नाचे कांवड़िया सारे
झूम झूम कर हौले हौले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
भोले की सुन के कहानियां
होती सफल हैं जिंदगानियां
रिमझिम जब बादल बरसे
मस्त पवन कानों में बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
भक्तों का दिल ललचाए
के कांवड़ उठा के चलूं
और बम बम गा के चलूं
तो जन्म सफल हो जाए।
जब भी सावन ऋतु आए
भोले के दीवाने गाए
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
नाचे कांवड़िया सारे
झूम झूम कर हौले हौले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
भोले की सुन के कहानियां
होती सफल हैं जिंदगानियां
रिमझिम जब बादल बरसे
मस्त पवन कानों में बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
कोई माने या ना माने
वो है जग के रखवाले
मुंहमांगा वर देते हैं
भक्तों को डमरू वाले
भक्तों को डमरू वाले
वो भोला भाला मुखड़ा
वो नैना मद के प्याले
मस्तक पे चमके चंदा
गले में विषधर को डाले
गले में विषधर को डाले
भक्तों की सब हैरानियां
हर लेते हैं वो परेशानियां
जिनका जयकारा सारे
दुखियों का बंधन खोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
सारी दुनिया आती है
भोले जी के आंगन में
लाखों कांवड़ चढ़ते हैं
जिनको हर दिन सावन में
जिनको हर दिन सावन में
दरबार में उनके शर्मा
जो भी फरियाद सुनाते
वो मुंहमांगा और लख्खा
शिवशंकर जी से पाते
शिवशंकर जी से पाते
कहती हैं भक्तों की टोलियां
भरते हैं सबकी वो झोलियां
जिनका नित डमरू सारी
दुनिया में डम डम डम डम बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
जब भी सावन ऋतु आए
भोले के दीवाने गाए
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
नाचे कांवड़िया सारे
झूम झूम कर हौले हौले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले
भोले की सुन के कहानियां
होती सफल हैं जिंदगानियां
रिमझिम जब बादल बरसे
मस्त पवन कानों में बोले
भोले भोले भोले
बम बम भोले भोले।
Shiv Bhajan | Lakhbir Singh Lakkha | जब भी सावन रुत आये | Jab Bhi Sawan Rut Aaye
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Author - Saroj Jangir
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